Article 15 of Indian Constitution: धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध

Article 15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध – Constitution of India
(1) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध के केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।
(2) कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर–
(क) दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश, या
(ख) पूर्णतः या भागतः राज्य-निधि से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग,के संबंध में किसी भी निर्योषयता, दायित्व, निर्बन्धन या शर्त के अधीन नहीं होगा।
(3) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को स्त्रियों और बालकों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
यह रहा अनुच्छेद 15 (Article 15) – संविधान का हिंदी में सारांश, साथ ही एक फ्लोचार्ट जो इसे सरलता से समझाता है:

📘 Article 15: धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव का निषेध
🔹 मुख्य बिंदु:
1.राज्य कोई भेदभाव नहीं करेगा
केवल धर्म, जाति, मूलवंश, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी नागरिक से भेदभाव नहीं किया जा सकता।
2.सार्वजनिक स्थानों पर बराबरी का अधिकार
किसी को धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार पर दुकानों, होटलों, तालाबों, सड़कों आदि से रोका नहीं जा सकता।
3. विशेष प्रावधान की अनुमति
राज्य स्त्रियों और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान बना सकता है।
अनुच्छेद 15 के संदर्भ में तीन प्रमुख FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) निम्नलिखित हैं:
1. क्या अनुच्छेद 15 नागरिकों के बीच धर्म, जाति, लिंग, या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है?
- हां, अनुच्छेद 15 के अनुसार, राज्य किसी नागरिक के खिलाफ धर्म, जाति, लिंग, मूलवंश, या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा। इसका मतलब है कि किसी भी नागरिक को इन आधारों पर भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।
2. क्या अनुच्छेद 15 सार्वजनिक स्थानों पर भेदभाव को रोकता है?
- हां, अनुच्छेद 15 के तहत नागरिकों को धर्म, जाति, लिंग, या जन्मस्थान के आधार पर सार्वजनिक स्थानों जैसे कि दुकानों, भोजनालयों, होटलों, मनोरंजन स्थलों, कुओं, तालाबों, स्नानघाटों, और सड़कों पर प्रवेश में भेदभाव से मुक्त रखा जाता है। राज्य इन्हें उपयोग के लिए किसी भी शर्त या प्रतिबंध के अधीन नहीं कर सकता।
3. क्या राज्य महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष उपबंध कर सकता है?
- हां, अनुच्छेद 15(3) के अनुसार, राज्य महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष उपबंध कर सकता है, क्योंकि यह भेदभाव नहीं माना जाता और इन्हें विशेष सुरक्षा और देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।
4. क्या अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए विशेष उपबंध करना राज्य को प्रतिबंधित है?
- नहीं, अनुच्छेद 15(4) के तहत राज्य अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए विशेष उपबंध कर सकता है ताकि उन्हें सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से उन्नति प्राप्त हो सके।