Article 7 of Indian Constitution in Hindi

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 7: पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार

Article 7 of Indian Constitution in Hindi

Article 7 पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार– Constitution Of India

अनुच्छेद 5 और अनुच्छेद 6 में किसी बात के होते हुए भी, कोई व्यक्ति जिसने 1 मार्च, 1947 के पश्चात्‌ भारत के राज्यक्षेत्र से ऐसे राज्यक्षेत्र को, जो इस समय पाकिस्तान के अंतर्गत है, प्रव्रजन किया है, भारत का नागरिक नहीं समझा जाएगा : परंतु इस अनुच्छेद की कोई बात ऐसे व्यक्ति को लागू नहीं होगी जो ऐसे राज्यक्षेत्र को, जो इस समय पाकिस्तान के अंतर्गत है, प्रव्रजन करने के पश्चात्‌ भारत के राज्यक्षेत्र को ऐसी अनुज्ञा के अधीन लौट आया है जो पुनर्वास के लिए या स्थायी रूप से लौटने के लिए किसी विधि के प्राधिकार द्वारा या उसके अधीन दी गई है और प्रत्येक ऐसे व्यक्ति के बारे में अनुच्छेद 6 के खंड (ख) के प्रयोजनों के लिए यह समझा जाएगा कि उसने भारत के राज्यक्षेत्र को 19 जुलाई, 1948 के पश्चात्‌ प्रव्रजन किया है।

यहां Article 7 के बारे में तीन प्रमुख प्रश्न (FAQs) और उनके उत्तर दिए गए हैं:

1. कौन से व्यक्ति भारत के नागरिक नहीं माने जाएंगे?

  • जो व्यक्ति 1 मार्च, 1947 के बाद पाकिस्तान (तत्कालीन पाकिस्तान) के क्षेत्रों से भारत में प्रव्रजन कर चुके हैं, वे भारतीय नागरिक नहीं माने जाएंगे।

2. क्या कोई अपवाद है इस नियम से?

  • हां, यदि व्यक्ति पाकिस्तान से भारत लौटे हैं और उन्हें पुनर्वास या स्थायी वापसी के लिए अनुमति मिली है, तो वह भारतीय नागरिक समझे जाएंगे, चाहे वह पाकिस्तान से कब लौटे हों।

3. यदि कोई व्यक्ति पाकिस्तान से भारत वापस लौटता है तो उसकी नागरिकता कब से मानी जाएगी?

  • ऐसे व्यक्ति को भारत के क्षेत्र में 19 जुलाई, 1948 के बाद प्रव्रजन करने वाला माना जाएगा, भले ही उन्होंने उससे पहले वापसी की हो।