Section 115 of BNS in Hindi

Section 115 of BNS in Hindi

115. (1) जो कोई, किसी कार्य को इस आशय से करता है कि उसके द्वारा किसी व्यक्ति को उपहति कारित की जाए या इस ज्ञान के साथ करता है कि यह संभाव्य है कि वह उसके द्वारा किसी व्यक्ति को उपहति कारित करे और उसके द्वारा किसी व्यक्ति की उपहति कारित करता है, वह “स्वेच्छया उपहति करता है”, यह कहा जाता है।
स्वेच्छ्या उपहति कारित करना ।
(2) जो कोई, धारा 122 की उपधारा (1) के अधीन उपबंधित मामले के सिवाय, स्वेच्छया उपहति कारित करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दस हजार रूपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडनीय होगा ।