Section 122 of BNS in Hindi: उकसावे पर स्वेच्छा से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना

उकसावे पर स्वेच्छा से चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचानाBharatiya Nyaya Sanhita 2023
(1) जो कोई स्वेच्छा से गंभीर और अचानक उकसावे पर चोट पहुँचाता है, यदि उसका न तो इरादा है और न ही वह जानता है कि उकसाने वाले व्यक्ति के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुँचाने की संभावना है, तो उसे किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जाएगा। अवधि जिसे एक महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना जो पांच हजार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है, या दोनों के साथ।
(2) जो कोई स्वेच्छा से गंभीर और अचानक उकसावे पर गंभीर चोट पहुंचाता है, यदि वह उकसाने वाले व्यक्ति के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंचाने का न तो इरादा रखता है और न ही खुद जानता है, तो उसे एक अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी। जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना जो दस हजार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है, या दोनों।
स्पष्टीकरण.—यह धारा अपवाद 1, धारा 99 के समान प्रावधान के अधीन है।