Section 131 of BNS in Hindi

Section 131 of BNS in Hindi

131. जो कोई, किसी व्यक्ति पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उस व्यक्ति द्वारा गम्भीर और अचानक प्रकोपन दिए जाने पर करने से अन्यथा करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।


स्पष्टीकरण 1- गम्भीर और अचानक प्रकोपन से, इस धारा के अधीन किसी अपराध के दण्ड में कमी नहीं होगी,-
(क) यदि वह प्रकोपन अपराध करने के लिए प्रतिहेतु के रूप में अपराधी द्वारा वांछित या स्वेच्छया प्रकोपित किया गया है; या
(ख) यदि वह प्रकोपन किसी ऐसी बात द्वारा दिया गया है जो विधि के पालन में, या किसी लोक सेवक द्वारा ऐसे लोक सेवक की शक्ति के विधिपूर्ण प्रयोग में की गई है; या
(ग) यदि वह प्रकोपन किसी ऐसी बात द्वारा दिया गया है जो प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार के विधिपूर्ण प्रयोग में की गई है।


स्पष्टीकरण 2 प्रकोपन, अपराध को कम करने के लिए पर्याप्त गम्भीर और अचानक था या नहीं, यह तथ्य का प्रश्न है।

प्रश्न 1: धारा 131 के तहत ‘गंभीर और अचानक प्रकोपन’ का क्या मतलब है?

उत्तर:
‘गंभीर और अचानक प्रकोपन’ का मतलब है जब किसी व्यक्ति को अचानक और गंभीर रूप से उकसाया जाता है, जिससे वह उकसावे के आधार पर प्रतिक्रिया करता है। यह मानसिक या भावनात्मक उत्तेजना हो सकती है, जैसे अपमान, हमला, या कोई और अप्रत्याशित घटना।

प्रश्न 2: इस धारा के तहत किस प्रकार की सजा दी जा सकती है?

उत्तर:
धारा 131 के तहत व्यक्ति को तीन महीने तक की कारावास (जेल में सजा), एक हजार रुपये तक जुर्माना, या दोनों (कारावास और जुर्माना) की सजा दी जा सकती है।

प्रश्न 3: यह धारा कब लागू होती है?

उत्तर:
यह धारा तब लागू होती है जब किसी व्यक्ति द्वारा गंभीर और अचानक उकसावे के कारण हमला या आपराधिक बल प्रयोग किया जाता है। इस स्थिति में हमलावर की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए सजा दी जाती है।

प्रश्न 4: क्या ‘गंभीर और अचानक प्रकोपन’ के बिना भी इस धारा के तहत सजा दी जा सकती है?

उत्तर:
नहीं, इस धारा के तहत सजा तभी दी जाएगी जब हमला या बल का प्रयोग गंभीर और अचानक प्रकोपन के कारण किया गया हो। यदि उकसावा गंभीर नहीं था, तो यह धारा लागू नहीं होगी।