Section 140 of BNS in Hindi

Section 140 of BNS in Hindi

140. (1) जो कोई, इसलिए किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण करता है कि ऐसे व्यक्ति की हत्या की जाए या उसको ऐसे व्ययनित किया जाए कि वह अपनी हत्या होने के खतरे में पड़ जाए, वह आजीवन कारावास से या कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।
दृष्टांत
(क) क इस आशय से या यह सम्भाव्य जानते हुए कि किसी देव मूर्ति पर य की बलि चढ़ाई जाए, भारत में से य का व्यपहरण करता है। क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
(ख) ख को उसके घर से क इसलिए बलपूर्वक या बहकाकर ले जाता है कि ख की हत्या की जाए। क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
(2) जो कोई, इसलिए किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण करता है या ऐसे व्यपहरण या अपहरण के पश्चात् ऐसे व्यक्ति को अवरोध में रखता है और ऐसे व्यक्ति की मृत्यु या उसकी उपहति कारित करने की धमकी देता है या अपने आचरण से ऐसी युक्तियुक्त आशंका पैदा करता है कि ऐसे व्यक्ति की हत्या या उपहति कारित की जा सकती है या ऐसे व्यक्ति को उपहति या उसकी मृत्यु कारित करता है जिससे कि सरकार या किसी विदेशी राज्य या अंतरराष्ट्रीय अंतर-शासनात्मक संगठन या किसी अन्य व्यक्ति को किसी कार्य को करने या करने से विरत रहने के लिए या फिरौती देने के लिए विवश किया जाए, वह मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
(3) जो कोई, इस आशय से किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण करता है कि उसका गुप्त रूप से और सदोष परिरोध किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
(4) जो कोई, किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण इसलिए करता है कि उसे धोर उपहति या दासत्व का या किसी व्यक्ति की प्रकृति विरुद्ध काम वासना का विषय बनाया जाए या बनाए जाने के खतरे में पड़ सकता है वैसे उसे व्ययनित किया जाए या सम्भव्य जानते हुए करता है कि ऐसे व्यक्ति को उपर्युक्त बातों का विषय बनाया जाएगा या उपर्युक्त रूप से व्ययनित किया जाएगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से. जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।