Section 170 of BNS in Hindi

Section 170 of BNS in Hindi

170. (1) जो कोई
(i) किसी व्यक्ति को इस उ‌द्देश्य से परितोषण देता है कि वह उस व्यक्ति को या किसी अन्य व्यक्ति को किसी निर्वाचन अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करे या किसी व्यक्ति को इसलिए इनाम दे कि उसने ऐसे अधिकार का प्रयोग किया है; या
(ii) स्वयं अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई परितोषण ऐसे किसी अधिकार को प्रयोग में लाने के लिए या किसी अन्य व्यक्ति को ऐसे किसी अधिकार को प्रयोग में लाने के लिए उत्प्रेरित करने या उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करने के लिए इनाम के रूप में प्रतिगृहीत करता है.
वह रिश्वत का अपराध करता है:
परंतु लोक नीति की घोषणा या लोक कार्यवाही का वचन, इस धारा के अधीन अपराध नहीं होगा ।
(2) जो व्यक्ति परितोषण देने की प्रस्थापना करता है या देने को सहमत होता है या उपाप्त करने की प्रस्थापना या प्रयत्न करता है. यह समझा जाएगा कि वह परितोषण देता है।
अनुभाग 1 क]
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भारत का राजपत्र असाधारण
रिश्वत ।
(3) जो व्यक्ति परितोषण अभिप्राप्त करता है या प्रतिगृहीत करने को सहमत होता है या अभिप्राप्त करने का प्रयत्न करता है, यह समझा जाएगा कि वह परितोषण प्रतिगृहीत करता है और जो व्यक्ति वह बात करने के लिए, जिसे करने का उसका आशय नहीं है, हेतु स्वरूप, या जो बात उसने नहीं की है उसे करने के लिए इनाम के रूप में परितोषण प्रतिगृहीत करता है, यह समझा जाएगा कि उसने परितोषण को इनाम के रूप में प्रतिगृहीत किया है।