Section 238 of BNS in Hindi

Section 238 of BNS in Hindi

238. जो कोई, यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि कोई अपराध किया गया है, उस अपराध के किए जाने के किसी साक्ष्य का विलोप, इस आशय से कारित करता है कि अपराधी को विधिक दंड से बचाया जा सके या उस आशय से उस अपराध से संबंधित कोई ऐसी सूचना देता है, जिसके मिथ्या होने का उसे जान या विश्वास है-
(क) यदि वह अपराध जिसके किए जाने का उसे जान या विश्वास है, मृत्यु से दंडनीय हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा;
(ख) और यदि वह अपराध आजीवन कारावास से, या ऐसे कारावास से, जो दस वर्ष तक का हो सकेगा, दंडनीय हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के, कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा;
(ग) यदि वह अपराध ऐसे कारावास से उतनी अवधि के लिए दंडनीय हो, जो दस
वर्ष तक की न हो, तो वह उस अपराध के लिए उपबंधित भांति के कारावास से उतनी अवधि के लिए, जो उस अपराध के लिए उपबंधित कारावास की दीर्घतम अवधि की एक-चौथाई तक हो सकेगी या जुर्माने से. या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
दृष्टांत
क यह जानते हुए कि ख ने य की हत्या की है, ख को दंड से बचाने के आशय से मृत शरीर को छिपाने में ख की सहायता करता है। क दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष की हो सकेगी और जुर्माने से भी दंडनीय है