Section 298 of BNS in Hindi

Section 298 of BNS in Hindi

298. जो कोई, किसी उपासना स्थान को या व्यक्तियों के किसी वर्ग दवारा पवित्र मानी गई किसी वस्तु को नष्ट, नुकसानग्रस्त या अपवित्र इस आशय से करता है कि किसी वर्ग के धर्म का उसके द्वारा अपमान किए जाए या यह सम्भाव्य जानते हुए करता है कि व्यक्तियों का कोई वर्ग ऐसे नाश, नुकसान या अपवित्र किए जाने को अपने धर्म के प्रति अपमान समझेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।