Section 317 of BNS in Hindi: चोरी की संपत्ति

चोरी की संपत्तिBharatiya Nyaya Sanhita 2023
317. (1) वह संपत्ति, जिसका कब्जा चोरी द्वारा, या उद्घापन द्वारा या लूट द्वारा या छल द्वारा अंतरित किया गया है, और वह संपति, जिसका आपराधिक दुर्विनियोग किया गया है, या जिसके विषय में आपराधिक न्यासभंग किया गया है, चुराई हुई “संपति” कहलाती है, चाहे वह अंतरण या वह दुर्विनियोग या न्यासभंग भारत के भीतर किया गया हो या बाहर, किंतु यदि ऐसी संपत्ति तत्पश्चात् ऐसे व्यक्ति के कब्जे में पहुंच जाती है, जो उसके कब्जे के लिए वैध रूप से हकदार है, तो वह चुराई हुई संपत्ति नहीं रह जाती ।
(2) जो कोई, किसी चुराई हुई संपत्ति को, यह जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह चुराई हुई संपत्ति है, बेईमानी से प्राप्त करता है या रखता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
(3) जो कोई, ऐसी चुराई गई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करता है या रखे रखता है, जिसके कब्जे के विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह डकैती दवारा अंतरित की गई है, या किसी ऐसे व्यक्ति से, जिसके संबंध में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह डाकुओं की टोली का है या रहा है, ऐसी संपत्ति, जिसके विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई है, बेईमानी से प्राप्त करता है, वह आजीवन कारावास से, या कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने का भी दायी होगा ।
(4) जो कोई, ऐसी संपति, जिसके संबंध में वह यह जानता है, या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई संपत्ति है, अभ्यासतः प्राप्त करता है, या अभ्यासतः उसमें व्यवहार करता है, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
(5) जो कोई, ऐसी संपति को छिपाने में, या व्ययनित करने में, या इधर-उधर करने में स्वेच्छ्या सहायता करता है, जिसके विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई संपत्ति है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।