Section 329 of BNS in Hindi

Section 329 of BNS in Hindi

329. (1) जो कोई, ऐसी संपत्ति में या ऐसी संपत्ति पर, जो किसी दूसरे के कब्जे में है. इस आशय से प्रवेश करता है कि वह कोई अपराध करे या किसी व्यक्ति को, जिसके कब्जे में ऐसी संपत्ति है अभित्रस्त, अपमानित या क्षुब्ध करे, या ऐसी संपति में या ऐसी संपति पर विधिपूर्वक प्रवेश करके वहां विधिविरुद्ध रूप में इस आशय से बना रहता है कि उसके द्वारा वह किसी ऐसे व्यक्ति को अभित्रस्त, अपमानित या क्षुब्ध करे या इस आशय से बना रहता है कि वह कोई अपराध करे, वह “आपराधिक अतिचार करता है, यह कहा जाता है।
(2) जो कोई, किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में, जो मानव-आवास के रूप में उपयोग में आता है, या किसी निर्माण में, जो उपासना-स्थान के रूप में, या किसी संपति की अभिरक्षा के स्थान के रूप में उपयोग में आता है, प्रवेश करके या उसमें बना रह कर, आपराधिक अतिचार करता है, वह ‘गृह-अतिचार” करता है. यह कहा जाता है।
स्पष्टीकरण आपराधिक अतिचार करने वाले व्यक्ति के शरीर के किसी आग का प्रवेश गृह-अतिचार गठित करने के लिए पर्याप्त प्रवेश है।
(3) जो कोई, आपराधिक अतिचार करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
(4) जो कोई, गृह-अतिचार करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।