Section 331 of BNS in Hindi

Section 331 of BNS in Hindi

331. (1) जो कोई, प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
(2) जो कोई, सूर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पूर्व गृह-अतिचार या गृह-भेदन करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
(3) जो कोई, कारावास से दंडनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न गृह-अतिचार का गृह-भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा, तथा यदि वह अपराध, जिसका किया जाना आशयित हो, चोरी हो, तो कारावास की अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी ।
(4) जो कोई, कारावास से दंडनीय कोई अपराध करने के लिए सूर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पूर्व प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन करता है. वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा, तथा यदि वह अपराध जिसका किया जाना आशयित हो, चोरी हो, तो कारावास की अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी।
(5) जो कोई, किसी व्यक्ति को उपहति कारित करने की या किसी व्यक्ति पर हमला करने की या किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध करने की या किसी व्यक्ति को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध के भय में डालने की तैयारी करके, प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
(6) जो कोई, किसी व्यक्ति को उपहति कारित करने की या किसी व्यक्ति पर हमला करने की या किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध या सूर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पूर्व गृह-भेदन करने की या किसी व्यक्ति को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध के, भय में डालने की तैयारी करके, प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा। (7) जो कोई, प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन करते समय किसी व्यक्ति को घोर उपहति कारित करता है या किसी व्यक्ति की मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का प्रयत्न करेगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
(8) यदि प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन सूर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पूर्व करते समय ऐसे अपराध का दोषी कोई व्यक्ति स्वेच्छया किसी व्यक्ति की मृत्यु या घोर उपहति कारित करता है या मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का प्रयत्न करता है, तो ऐसे प्रच्छन्न गृह-अतिधार या गृह-भेदन सूर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पूर्व करने में संयुक्ततः संबंधित प्रत्येक व्यक्ति, आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा।