Section 35 of BNS in Hindi

Section 35 of BNS in Hindi

35. धारा 37 में अंतर्विष्ट निर्बन्धनों के अधीन रहते हुए, प्रत्येक व्यक्ति को अधिकार
है कि वह-
(क) मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले किसी अपराध के विरुद्ध अपने शरीर और किसी अन्य व्यक्ति के शरीर की प्रतिरक्षा करे:
(ख) किसी ऐसे कार्य के विरुद्ध, जो चोरी, लूट, रिष्टि या आपराधिक अतिचार की परिभाषा में आने वाला अपराध है, या जो चोरी, लूट, रिष्टि या आपराधिक अतिचार करने का प्रयत्न है, अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति, चाहे चल हो या अचल, उसकी प्रतिरक्षा करे ।