Section 64 of BNS in Hindi

Section 64 of BNS in Hindi

64. (1) जो कोई, उपधारा (2) में उपबंधित मामलों के सिवाय, बलात्संग करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।
लिए दंड ।
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(2) जो कोई-
(क) पुलिस अधिकारी होते हुए-
(i) उस पुलिस थाने की सीमाओं के भीतर, जिसमें ऐसा पुलिस अधिकारी नियुक्त है, बलात्संग करता है; या
(ii) किसी थाने के परिसर में बलात्संग करता है; या
(iii) ऐसे पुलिस अधिकारी की अभिरक्षा में या ऐसे पुलिस अधिकारी के अधीनस्थ किसी पुलिस अधिकारी की अभिरक्षा में, किसी महिला से बलात्संगकरता है; या
(ख) लोक सेवक होते हुए, ऐसे लोक सेवक की अभिरक्षा में या ऐसे लोक सेवक के अधीनस्थ किसी लोक सेवक की अभिरक्षा में की किसी महिला से बलात्संग करता है; या
(ग) केंद्रीय या किसी राज्य सरकार द्वारा किसी क्षेत्र में अभिनियोजित सशस्त्र बलों का सदस्य होते हुए, उस क्षेत्र में बलात्संग करता है; या
(घ) तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा या उसके अधीन स्थापित किसी कारागार, प्रतिप्रेषण गृह या अभिरक्षा के अन्य स्थान के या महिलाओं या शिशुओं की किसी संस्था के प्रबंधतंत्र या कर्मचारिवृंद में होते हुए, ऐसे कारागार, प्रतिप्रेषण गृह, स्थान या संस्था के किसी अंतःवासी से बलात्संग करता है; या
(ङ) किसी अस्पताल के प्रबंधतंत्र या कर्मचारिवृंद में होते हुए, उस अस्पताल में किसी महिला से बलात्संग करता है; या
(च) किसी महिला का नातेदार, संरक्षक या उसका अध्यापक या उसके प्रति विश्वास या प्राधिकार की हैसियत में का कोई व्यक्ति होते हुए, उस महिला से बलात्संग करता है; या(छ) सांप्रदायिक या पंथीय हिंसा के दौरान बलात्संग करता है; या
(ज) किसी महिला से यह जानते हुए कि वह गर्भवती है, बलात्संग करता है; या
(झ) उस महिला से, जो सम्मति देने में असमर्थ है, बलात्संग करता है; या
(ञ) किसी महिला पर नियंत्रण या प्रभाव रखने की स्थिति में होते हुए, उस महिला से बलात्संग करता है या
(ट) मानसिक या शारीरिक असमर्थता से ग्रसित किसी महिला से बलात्संग करता है; या
(ठ) बलात्संग करते समय किसी महिला को गंभीर शारीरिक अपहानि कारित करता है या अपंग बनाता है या विद्रूपित करता है या उसके जीवन को संकटापन्न करता है; या
(ड) उसी महिला से बार-बार बलात्संग करता है,
तो वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास, जिससे उस व्यक्ति का शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा ।स्पष्टीकरण इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, –
(क) “सशस्त्र बल” से नौसेना, सेना और वायु सेना अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन गठित सशस्त्र बलों का कोई सदस्य भी है, जिसमें ऐसे अर्धसैनिक बल और कोई सहायक बल भी सम्मिलित हैं, जो केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन हैं;
(ख) “अस्पताल” से अस्पताल का अहाता अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत किसी ऐसी संस्था का अहाता भी है, जो स्वास्थ्य लाभ कर रहे व्यक्तियों को या चिकित्सीयदेखरेख या पुनर्वास की अपेक्षा रखने वाले व्यक्तियों के प्रवेश और उपचार करने के लिए है :
(ग) “पुलिस अधिकारी” का वही अर्थ होगा जो पुलिस अधिनियम, 1861 के अधीन “पुलिस” पद में उसका है;
1861 का 5
(घ) “महिलाओं या शिशुओं की संस्था” से ऐसी संस्था अभिप्रेत है चाहे वह अनाथालय या उपेक्षित महिलाओं या शिशुओं के लिए घर या विधवा आश्रम या किसी अन्य नाम से ज्ञात कोई संस्था हो, जो महिलाओं और शिशुओं को ग्रहण करने और उनकी देखभाल करने के लिए स्थापित और अनुरक्षित है ।