Section 98 of BNS in Hindi

Section 98 of BNS in Hindi

98. जो कोई, किसी शिशु को इस आशय से कि ऐसा शिशु किसी भी आयु में वेश्यावृत्ति या किसी व्यक्ति से अनुचित संभोग करने के लिए या किसी विधिविरुद्ध और दुराचारिक प्रयोजन के लिए काम में लाया जाए या उपयोग किया जाए या यह संभाव्य जानते हुए कि ऐसा शिशु किसी भी आयु में ऐसे प्रयोजन के लिए काम में लाया जाएगा या उपयोग किया जाएगा, बेचता है, भाड़े पर देता है या अन्यथा व्ययनित करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा ।
स्पष्टीकरण 1 जब अठारह वर्ष से कम आयु की किसी महिला को, किसी वेश्या या
किसी अन्य ऐसे व्यक्ति को, जो वेश्याघर चलाता है या उसका प्रबंध करता है, बेचा जाए, भाड़े पर दिया जाए या अन्यथा व्ययनित किया जाए, तब इस प्रकार ऐसी महिला को व्ययनित करने वाले व्यक्ति के बारे में, जब तक कि प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जाएगी कि उसने उसको इस आशय से व्ययनित किया है कि वह वेश्यावृत्ति के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाई जाएगी ।
स्पष्टीकरण 2-इस धारा के प्रयोजनों के लिए, “अनुचित संभोग” से ऐसे व्यक्तियों के
बीच मैथुन अभिप्रेत है, जो विवाह द्वारा संयुक्त नहीं हैं, या ऐसे किसी संयोग या बन्धन से संयुक्त नहीं हैं जो यद्यपि विवाह की कोटि में तो नहीं आता तथापि उस समुदाय की, जिसके वे हैं या यदि वे भिन्न समुदायों के हैं तो ऐसे दोनों समुदायों की, वैयक्तिक विधि या रूढि द्वारा उनके बीच में विवाह-सदृश सम्बन्ध को मान्य किया जाता है।