Article 131 of Indian Constitution in Hindi

Article 131 of Indian Constitution: उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता

Article 131 of The Indian Constitution
Article 131 of The Indian Constitution

Article 131  उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता  – Constitution Of India

-इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए,–
(क) भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच, या
(ख) एक ओर भारत सरकार और किसी राज्य या राज्यों और दूसरी ओर एक या अधिक  अन्य राज्यों के बीच, या
(ग) दो या अधिक राज्यों के बीच,

किसी विवाद में, यदि और जहाँ तक उस विवाद में (विधि का या तनय का) ऐसा कोई प्रश्न अंतर्वलित है जिस पर किसी विधिक अधिकार का आघ्स्तत्व या विस्तार निर्भर है तो और वहाँ तक अन्य न्यायालयों का अपवर्जन करके उच्चतम न्यायालय को आरंभिक अधिकारिता होगी:

[परन्तु उक्त का अधिकारिता विस्तार उस विवाद पर नहीं होगा जो किसी ऐसी संधि, करार, प्रसंविदा, वचनबंध, सनद या वैसी ही अन्य लिखत से उत्पन्न हुआ है जो इस संविधान के प्रारंभ से पहले की गई थी या निष्पादित की गई थी और ऐसे प्रारंभ के पश्चात्‌ प्रवर्तन में है या जो यह उपबंध करती है कि उक्त का विस्तार ऐसे विवाद पर नहीं होगा।]

Article 131A of The Indian Constitution
Article 131A of The Indian Constitution

केन्द्रीय विधियों की सांविधानिक वैधता से संबंधित प्रश्नों के बारे में उच्चतम न्यायालय की अनन्य अधिकारिता ।]–संविधान (तैंतालीसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1977 की धारा 4 द्वारा (13-4-1978) से निरसित।

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