भारतीय संविधान का अनुच्छेद 395: निरसन
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 395: निरसन
निरसन–भारत स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 और भारत शासन अधिनियम, 1935 का, पश्चात् कथित अधिनियम की, संशोधक या अनुपूरक सभी अधिनियमितियों के साथ, जिनके अंतर्गत प्रिवी कौंसिल अधिकारिता उत्सादन अधिनियम, 1949 नहीं है, इसके द्वारा निरसन किया जाता है।
भारत का संविधान का अनुच्छेद 393 -संक्षिप्त नाम
संक्षिप्त नाम–इस संविधान का संक्षिप्त नाम भारत का संविधान है।
भारत का संविधान का अनुच्छेद 394-प्रारंभ
प्रारंभ–यह अनुच्छेद और अनुच्छेद 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392 और 393 तुरंत प्रवृत्त होंगे और इस संविधान के शेष उपबंध 26 जनवरी, 1950 को प्रवृत्त होंगे जो दिन इस संविधान में इस संविधान के प्रारंभ के रूप में निर्दिष्ट किया गया है